नमस्कार दोस्तों, आजकल जब भी शेयर मार्किट में निवेश की बात आती है, तो अक्सर आपने लोग से डीमैट अकाउंट शब्द सुना होगा लेकिन Demat Account Kya Hota Hai ये आप अच्छे से नहीं जानते होंगे तो इसलिए इस लिख को अंत तक जरूर पढ़े जिसमें डीमैट अकाउंट की जानकारी विस्तार से दी है, जैसे Demat Account Kya Hai, इसके कितने प्रकार है, यह कैसे कार्य करता है, और आप नया डीमैट अकाउंट कैसे खुलवा सकते है? सभी को हमने आगे बताया है, जिसे पढ़कर आपके मन के सभी सवाल दूर हो जाएंगे।
Demat Account Kya Hota hai?
डीमैट का पूरा नाम “Dematerialized Account” है, जिसके जरिए शेयर मार्केट में स्टॉक खरीदा या बेचा जाता है। इसे आप बैंक अकाउंट की तरह समझ सकते है, जैसे बैंक में आपके पैसे जमा होते है ठीक उसी प्रकार डीमैट अकाउंट में हमारे स्टॉक,बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, सरकारी सिक्योरिटी, आदि रहते है।
ये सभी स्टॉक हमारे डीमैट अकाउंट में digitally रूप में स्टोर होते है और डिजिटली एक से दूसरे डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर भी होते है। जब निवेशक कोई स्टॉक खरीदता है तो उसके द्वारा खरीदा हुआ स्टॉक उसके डीमैट खाते में दिखता है। डीमैट अकाउंट के बिना आप स्टॉक या शेयर में निवेश नहीं कर सकते है। इसके लिए एक डीमैट अकाउंट अनिवार्य है। SEBI ने भी स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना आप शेयर मार्केट में निवेश नही कर सकते है।
Types of Demat Accounts in Hindi
![Demat Account Kya Hota Hai | Demat अकाउंट के उपयोग के बारे में जाने 4 Types of Demat Accounts in Hindi](https://financebabaji.com/wp-content/uploads/2023/05/Types-of-Demat-Accounts-in-Hindi-compressed-1024x536.jpg)
डीमैट अकाउंट के कई प्रकार है जो हर निवेशक को पता होना चाहिए ताकि निवेशक अपने अनुसार सही प्रकार के डीमैट अकाउंट चुनकर निवेश कर सके। इसके प्रकार हमने निम्न बताया है –
Basic Service Demat Account
शेयर मार्किट में छोटे- मोटे निवेश करने वालो के लिए बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट काफी फायदेमंद रहता है। इसके जरिये आप अधिकतम 2 लाख तक निवेश कर सकते है। इसके साथ ही आप यहाँ अपने इन्वेस्टमेंट ट्रैक भी कर सकते है। इसकी मेन्टेन्स फीस चार्ज बाकी के डीमैट अकाउंट से बहुत कम लगता है। आप किसी भी स्टॉक ब्रोकर या DP के जरिये अपना डीमैट खाता खुलवा सकते है।
Regular Demat Account
भारत में निवेशक सबसे अधिक इस्तेमाल रेगुलर डीमैट अकाउंट करते है जिसमें निवेश करने की सीमा नही होती है। स्टॉक खरीदना, बेचना या ट्रांसफर करना सभी कार्य आप इससे कर सकते है। किसी भी स्टॉक ब्रोकर द्वारा रेगुलर डीमैट अकाउंट ओपन हो जाता है। ये ब्रोकर अकाउंट मेन्टेन्स के लिए एनुअल फीस लेते है।
Repatriable Demat Account
अगर आप भारत में नही रहते है लेकिन भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है तो Repartrible डीमैट अकॉउंट के जरिये आप कर सकते है जिसे FEMA (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) नियंत्रित करती है। आप किसी भी स्टॉक ब्रोकर या DP द्वारा डीमैट अकॉउंट ओपन करवा सकते है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, एनआरआई का प्रमाण, बैंक अकाउंट की जानकारी, आदि लगता है। यह डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए आपके NRE बैंक अकॉउंट होना चाहिए।
Non- Repatriable Demat Account
यह भी डीमैट अकाउंट NRI इस्तेमाल करते है जिसके द्वारा कोई भी निवेश विदेश से भारतीय शेयर बाजार में
निवेश कर सकता है। इसे आप ब्रोकर या DP से आपका अकाउंट बन जाता है। कुछ जरूरत दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, बैंक डिटेल्स, एड्रेस प्रूफ, एनआरआई का प्रमाण, आदि जमा करना पड़ता है जिसके द्वारा KYC किया जाता है। इसके अलावा आपके पास NRO बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है।
डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है?
कई लोग demat account kya hote hain ये तो पता है लेकिन यह कैसे कार्य करता है? ये नहीं जानते है जिसे हमने बहुत ही आसान भाषा में समझाया है। डीमैट अकाउंट से आप सिर्फ शेयर को hold करके रखा सकते है, लेकिन बिना ट्रेडिंग अकॉउंट के उसे बेच नहीं सकते। यह हमारे बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है।
जब आप किसी कंपनी का स्टॉक Buy करते है, तो Depository Participant (DP) के द्वारा आपका buy का ऑर्डर स्टॉक एक्सचेज में जाता है। इसके बाद स्टॉक एक्सचेंज आपके buy ऑर्डर को उन निवेशक से मिलता है, जो स्टॉक Sell करना चाहते है। जब दोनो ओर से Buy और Sell मिलता है, तो दोनो तरफ से ट्रांजेक्शन पूरा होते ही आपने जो स्टॉक खरीदा है। वो थोड़ी देर में आपके डीमैट अकाउंट में दिखने लगता है। वही जब आप कोई स्टॉक sell करते है तो डीमैट अकाउंट से आपका स्टॉक ट्रांसफर होकर buyer के डीमैट अकाउंट में चला जाता है।
Demat Account Kaise Khole?
![Demat Account Kya Hota Hai | Demat अकाउंट के उपयोग के बारे में जाने 5 Demat Account Kaise Khole compressed](https://financebabaji.com/wp-content/uploads/2023/06/Demat-Account-Kaise-Khole-compressed-1024x536.jpg)
डीमैट अकाउंट बनाना काफी आसान है। भारत में सिर्फ दो डिपॉजिटरी है, अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) जिसके जरिये डीमैट अकाउंट ओपन होता है, लेकिन आप सीधा इनके पास जाकर डीमैट अकाउंट नहीं खुलवा सकते है। इसके लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) है जो लोगो का डीमैट अकाउंट ओपन करती है।
शेयर मार्केट में निवेश के लिए सबसे जरूरी है डीमैट अकाउंट। इसे खुलवाने के लिए एक अच्छे डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) का चयन करना जरुरी है। यह एक बैंक, वित्तीय संस्थान या ब्रोकर हो सकता है जिसके द्वारा लोग अपना डीमैट अकॉउंट खुलवाते है। डीमैट अकाउंट चुनने से पहले ब्रोकरेज चार्ज और एनुअल फीस के बारे में जानना जरुरी है जो आपको डीमैट अकाउंट खुलवाते वक़्त देना पड़ता है। ये फीस डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के अनुसार अलग हो सकती है।
अब आपको नया डीमैट अकाउंट बनाने के लिए आवेदन पत्र मिलता है। इसमें अपनी जानकारी भर लेनी है और KYC के लिए अपने जरूरी दस्तावेज जैसे – अपना पता प्रमाण, पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक खाते का स्टेटमेंट, आदि जमा कर देना है, फिर आवेदन पत्र सबमिट करना है।
इसके बाद आपके दस्तावेज़ और जानकारी वेरीफाई किया जाता है। सब सही होने पर आपका डीमैट खाता ओपन हो जाता है।
डीमैट अकाउंट बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको कई दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है जिसके बिना डीमैट अकाउंट नही खुलता है। इन सभी दस्तावेजों के नाम हमने निम्न बताया है –
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बिजली या टेलीफोन बिल
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- आईटी रिटर्न
- बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट
- वोटर आईडी कार्ड
डीमैट अकाउंट क्यों जरूरी है?
पहले समय में स्टॉक मार्किट के सभी काम कागज़ो द्वारा होते थे। उस दौरान जब निवेशक को स्टॉक खरीदना या बेचना होता था, तो उन्हें स्टॉक सम्बंधित कागज़ी दस्तावेज़ लेकर स्टॉक एक्सचेंज जाना पड़ता था। इसकी सबसे बड़ी दिक्कत यह थी की पेपर्स चोरी या घूम का खतरा बना रहता था। इसके अलावा इसमें काफी समय लगता था। इस परेशानी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट आया, जिसके जरिये निवेशक तुरंत स्टॉक खरीद या बेच सकते है। इसमें फ्रॉड या धोखाधड़ी का डर नहीं रहता है। डीमैट खाते में सभी स्टॉक डिजीटल फॉर्म में सुरक्षित स्टोर रहते है।
Advantage of Demat Account in Hindi
डीमैट अकाउंट के कई फायदे है, जो हमने आपको निम्न बताया है –
- आप अपने डीमैट अकाउंट को किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल के जरिए लॉगिन करके इस्तेमाल कर सकते है।
- डीमैट अकाउंट के जरिए स्टॉक खरीदने और बेचने की प्रक्रिया बहुत तेज़ और सुरक्षित भी होता है।
- डीमैट अकाउंट में किसी तरह की धोखाधडी या स्टॉक चोरी होने का खतरा नही होता है। सभी स्टॉक सुरक्षित रूप से स्टोर रहते है।
- पहले शेयर खरीदने में बहुत दस्तावेज़ जमा करना पड़ता था। इससे कागज़ घूम या चोरी होने का खतरा रहता था, जो डीमैट अकाउंट आने से खत्म हो गया।
- पहले भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों पर स्टाम्प शुल्क लगता था, लेकिन अब सिर्फ स्टॉक ब्रोकर की ब्रोकरेज फीस लगती है।
Best Demat Accounts in Hindi
डीमैट अकाउंट ओपन करने के आजकल कई ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर है। उनमें से सबसे अच्छे को चुनना जरूरी है, जिनके नाम निम्न है –
- Zerodha
- Motilal Oswal Demat Account
- IIFL Demat Account
- Groww
- Upstox
- Angel One
- HDFC Securities
डीमैट अकाउंट का इतिहास
डीमैट अकाउंट की शुरआत साल 1996 में हुई थी। इससे पहले जब डीमैट खाता नही हुआ करता था, तो निवेशकों के लिए निवेश करना बहुत मुश्किल होता था। शेयर खरीदने या बेचने के लिए निवेशक स्टॉक एक्सचेंज जाकर स्टॉक संबंधी दस्तावेज जमा करना पड़ता था। फिर निवेशक को सर्टिफिकेट मिलता था, जो इस बात का प्रमाण होता था की आपने कंपनी में निवेश किया है, जो की एक लंबी प्रक्रिया हुआ करती थी।
फिर आया साल 1996, जब SEBI (securities and exchange board of india) ने भारत में डीमैट अकाउंट को लॉन्च किया। जिसके बाद से निवेश करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल गया। अब निवेशक के लिए स्टॉक खरीदना और बेचना काफी आसान हो गया। इसमें सारा काम मिनटों में होता है जिससे निवेशकों का समय बचता है तथा ये बहुत सुरक्षित होता है।
निष्कर्ष
उम्मीद करता हूं, आज हमने जो Demat Account Matlab Kya Hota Hai के बारे में बताया। उससे आप डीमैट अकाउंट को अच्छे से समझ गए होंगे। अगर फिर भी आपके मन में सवाल है तो कमेंट में बता सकते है और अगर ये पोस्ट पसंद आया तो दोस्तो के साथ भी शेयर करे ताकि उन्हें भी Demat Account Kya Hota Hai की पूरी जानकारी मिल सके।
FAQs
डीमैट अकाउंट खुलवाने में कितना समय लगता है?
ऑनलाइन और ऑफलाइन के अनुसार ये समय अलग अलग होता है। ऑनलाइन में कुछ घंटो में ओपन होता है, वही ऑफलाइन में ये समय 2 से 3 दिन लगता है।
कौन लोग डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है?
कोई भी जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है। साथ ही उसी के नाम से बैंक अकाउंट होना चाहिए।
किस प्रकार का डीमैट अकाउंट सबसे अच्छा होता है?
यह आपकी जरूरत और उपयोग पर निर्भर करता है। नियमित डीमैट अकाउंट को भारतीय निवासी इस्तेमाल करते है। लेकिन NRI के लिए प्रत्यावर्तनीय या गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट अकाउंट है।
क्या पैन कार्ड के बिना डीमैट अकाउंट खुलता है?
बिल्कुल नही, डीमैट अकाउंट ओपन करवाते वक्त पैन कार्ड और आधार कार्ड जरूरी है। इनके बिना आप डीमैट अकाउंट नही बनवा सकते है।
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